GEOGRAPHY In Hindi GENERAL KNOWLEDGE
Q. कॉस्मिक वर्ष किसे कहा जाता है?
Answer- सूर्य के परिक्रमण की अवधि
Q. एक कॉस्मिक वर्ष में कितने मिलियन वर्ष होती हैं?
Answer- 250 मिलियन वर्ष
Q. तारों का विशाल पुंज क्या कहलाता है ?
Answer- आकाशगंगा
Q. तारा के अतिरिक्त आकाशगंगा में क्या पाया जाता है?
Answer- गैस
general knowledge
Q. सबसे बड़ा तारामंडल कौन सा है
Answer- हाइड्रा
Q. आधुनिक समय में कितने तारामंडल की जानकारी है?
Answer- 89
Q. जामिनी क्या है?
Answer- तारामंडल
Q. हेली धूमकेतु कितने वर्षों में दिखाई पड़ता है?
Answer- 76 वर्षों में
Q. उल्का पिंडो में मुख्यता क्या पाया जाता है?
Answer- लोहा एवं निखिल
Q. मंगल एवं बृहस्पति ग्रह के बीच में क्या पाया जाता है?
Answer- छुद्र ग्रह
Q. तारे आकाशगंगा में पाए जाने वाले कुल पदार्थ का कितना प्रतिशत है?
Answer- 98
Q. आकाशगंगा में तारों का निर्माण कैसे होता है ?
Answer- बादलों एवं धूल कण द्वारा
Q. गृह एवं अन्य आकाशीय पिंड सूर्य की परिक्रमा किस बल के कारण करते हैं?
Answer- गुरुत्वाकर्षण बल
Q. सूर्य में स्थित चमकीले धब्बों को क्या कहा जाता है?
Answer- प्लीज एस
अम्लीय मिट्टी
इस प्रकार की मिट्टी प्राय अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाई जाती है| इस मिट्टी में अब साडे जीवांश अधिक मात्रा में पाए जाते हैं अम्लीय मिट्टी देखने में काली और अजीब दुर्गंध युक्त तो होती है |अम्लीयता के कारण उत्पादन कम या बिलकुल नहीं होता है|अम्लीय मिट्टी के घोल में हाइड्रोसिल आयन की तुलना में हाइड्रोजन आइनों की सांद्रता अधिक होती है मैदा का पीएच सदैव 7.0 से कम होता है हमारे देश में अगले मैदा असम केरल त्रिपुरा मणिपुर पश्चिम बंगाल बिहार का तराई क्षेत्र उत्तर प्रदेश में हिमालय के तराई क्षेत्र में कुछ स्थानों पर पाई जाती है| उदासीन मैदान में हाइड्रोजन एवं हाइड्रोसिल आईना की सांद्रता और समानता होती है |यह स्थिति शुद्ध जल में पाई जाती है मेरा घोल में सामान्यतः घुलनशील खनिज पदार्थ एवं पौधों के अवशेष के घुलनशील अंश पाए जाते हैं|
अम्लीय मिट्टी बनने के कारण
- छारीय तत्वों का निक्षालन
- मिट्टी
- का अमली चट्टानों से बना होना
- रासायनिक उर्वरकों का प्रभाव
- कृषि क्रियाएं
अम्लीय मिट्टी का सुधार
- चूने का प्रयोग
- जल निकास की उचित व्यवस्था
- अम्लीय रोधक फसलों का उगाना
- क्षारक उर्वरकों का प्रयोग
- पोटाश से युक्त उर्वरकों का प्रयोग
0 टिप्पणियाँ