Mughal kaal in hindi मुगल शासक का इतिहास

बाबर पित्र पक्ष की ओर से तैमूर के पांचवी पीढ़ी  के सदस्य थे| जबकि मातृ पक्ष की ओर से चंगेज खां के 14वें वंशज का अंग था | बाबर ने अपने पूर्वजों की उपाधि मिर्जा को त्याग के बादशाह की उपाधि धारण की|

Mughal kaal in hindi :-

बाबर का भारत की ओर पहला अभियान  यूसुफजई जाति के वृद्ध था | इस प्रथम अभियान में सर्वप्रथम बाबर ने तोपखाने का प्रयोग किया भारत पर पांचवें अभियान में बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच 20 अप्रैल 1526 ईस्वी में पानीपत की प्रथम लड़ाई हुई बाबर ने इस युद्ध में पहली बार दुर्गा मां युद्ध नीति का प्रयोग किया |इसके फलस्वरूप बाबर विजई रहा और मुगल वंश की स्थापना की बाबर ने इस विषय के उपलक्ष में गांव निवासी को एक चांदी का सिक्का उतार दे दिया इसी उदारता के कारण उसे कलंदर की उपाधि दी गई|

 1527 ईस्वी में खानवा के युद्ध में बाबर एवं राणा सांगा के बीच मुकाबला हुआ| बाबर ने अपने सैनिकों के उत्साहवर्धन के लिए शराब पीने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया |   फलस्वरूप बाबर विजई रहा 1528 ईसवी में बाबर ने चंदेरी के युद्ध में मेदनी राय को पराजित किया | काबुल के विद्रोह के दमन के लिए जाते हुए लाहौर में 15 से 30 ईसवी में बाबर की मृत्यु हो गई काबुल में उसे दफनाया गया |

Mughal kaal in hindi

 हुमायूं मुगल शासक का इतिहास

 बाबर की मृत्यु के बाद 30 दिसंबर  1530 ईसवी   में गद्दी पर बैठा हुमायूं ने दिल्ली के पास दिनपनाह नामक नगर बसाया चित्तौड़ की रानी कलावती ने हिमायू के पास राखी भेजी थी | हिमायू ने बंगला अभियान के दौरान गोंड का नया नाम जनता बाद   रखा था |

    26 जून 1539 ईसवी  ईस्वी को चौसा के मैदान में मुगल सेना पर   रात में सेसा ने हमला कर दिया मुगल सेना को पराजित किया|   हुमायूं   आगरा गया  15 से 40 ईसवी को कन्नौज या  बिलग्राम का युद्ध हुआ इसमें हिमायू पराजित हुआ | शेर खान ने आगरा और दिल्ली पर अधिकार कर लिया आगरा दिल्ली खोने के बाद हिमायू चंद्र पहुंचा वहां उसने जिंदाल के आध्यात्मिक गुरु फांसी वासी अमीर बाबा की पुत्री हमीदा बानो बेगम से 1541 ईस्वी में विवाह किया| इसके बाद अमरकोट के राणा  20 साल के पास पहुंचा 1542 ईसवी में यही अकबर का जन्म हुआ| 1543 में भारत कैसा मासी के यहां चला गया फरवरी 1555 में लाहौर पर अधिकार कर लियामाई 1555 में हुई मछीवाड़ा के युद्धों के फल स्वरुप संपूर्ण पंजाब पर अधिकार कर लिया जून 1555 में सरहिंद के युद्ध में परगना सुल्तान सिकंदरपुर को पराजित कर दिल्ली पर अधिकार कर लिया | 30 जुलाई 1555 को हिमायू से दिल्ली की गद्दी पर बैठा जनवरी 1556 में दिन तना भवन स्थित पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरने के कारण हिमायू की मृत्यु हो गई |

 1551 ईस्वी में 9 वर्ष की उम्र में अकबर को गजनी की सुविधा री सौंपी गई 1555 में अकबर लाहौर का गवर्नर बना है| हिमायू की मृत्यु के बाद बैरम खां में गुरदासपुर के निकट कला नगर में फरवरी 1556 ईस्वी में अकबर का राज्याभिषेक करवाया पानीपत के युद्ध में कुरान सेनापति हेमू को पराजित कर दिल्ली पर मुगलों के अधिकार को स्थाई बनायाउसने 24 युद्ध जीता था अकबर 1556 से 1560 तक बैरम खां का संरक्षण रहा अकबर ने बैरम खान को मक्का की यात्रा पर जाने को कहा पाटन में मुबारक का नाम का प्राणी अपने धर्म का की हत्या कर दी अकबर ने बैरम खां की विधवा से विवाह कर उसके पुत्र को कान खाना की उपाधि दी |1560 ईस्वी में बरम कहां से मुक्त होकर हरम दल के प्रभाव में चला गया इस गांव की प्रधान मंगाती यह काल 1562 ईस्वी तक रहा इसे पेटिकोट सरकार कहते हैं|

 मुगल शासक का इतिहास

 अकबर ने राजनीतिक विजय की शुरुआत 1551 में मालवा से शुरू की मालवा के बजे से शुरू की जहां बाज बहादुर शासक था |1562 में अजमेर के राजा अकबर की अधीनता स्वीकार कर लिया और अपनी पुत्री की शादी अकबर जहांगीर पैदा हुआ |भगवान दास एवं मान सिंह का युद्ध में मारे गए एवं माता की मूर्ति उदय सिंह की मृत्यु के बाद महाराणा प्रताप हल्दीघाटी के युद्ध में राणा |  

 

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