Mughalo ki Prashasanik Vyavastha मुगलो की प्रशसानिक व्यवास्था

अकबर ने स्वयं को ईश्वर का प्रतिनिधि घोषित किया | उसने स्वयं को खलीफा के समान स्वयं ही को अथवा पड़ा और जमीन बोस और  सजदा की प्रथा प्रारंभ की 1579 ईस्वी में मजार की घोषणा के बाद धार्मिक मामलों का प्रधान  बन गया अकबर के शासन में 1580 ईस्वी में बारिश हुआ था | शासन के अंत  मैं 15:00 हो गए औरंगजेब के समय 20 तथा शाहजहां के समय सुबह की संख्या 18 थी 


Mughalo ki Prashasanik Vyavastha

 

अकबर के समय राजस्व निर्धारण के पूर्व भूमि की माप कराई जाती थी 1587 इसवी में अकबर नेशन के रस्सी से निर्मित सिकंदरी गज के स्थान पर इलाज का प्रयोग किया था| अकबर ने 1580 में साला नामक नवीन प्रणाली को प्रारंभ किया इसकी देखरेख राजा टोडरमल करते थे|

 

 अकबर ने सूर्य पर आधारित इलाही संवत को चलाया इसे पारसी संबंध भी कहा जाता है| मनसबदारी प्रथा की शुरुआत अकबर ने किया मनसब शब्द का प्रथम उल्लेख अकबर के शासन के 11 वर्ष में शामिल किया है | किंतु मनुष्य प्रदान करने का उल्लेख 1577 मिला था पहले जात शब्द का उल्लेख होता था किंतु 1594 से 95 से सवाल कर  बीज उड़ने लगा अकबर ने दाग प्रथा का प्रचलन किया अकबर   अकबर के समय  मनसबदार की संख्या 1803 थी  | उसने एवं शाह नामक नहर का निर्माण कराया जहांगीर ने   सवार पद में द्वारका सिंह और सपा की व्यवस्था की 1604 से 1605 में सबसे पहले पुर्तगालियों द्वारा तंबाकू लाया गया | मुगल काल में नहर निर्माण का श्रेय शाहजहां को है |उसने फैज एवं शाह नगर का निर्माण करवाया मुगल काल में बाबर ने चांदी का शाहरुख एवं बाबरी नाम का सिक्का चलाया अकबर ने सोने के असर भी सिक्का चलेगा या अकबर के ताबे के सिक्के का दाम कहलाया|

 

 राजपूती नीति Mughalo ki Prashasanik Vyavastha 

 

अकबर ने राजपूतों के साथ सुलह कुल की नीति अपनाई अकबर ने बीकानेर के शासक राय कल्याणमल और जैसलमेर के राजा हर राय के साथ भी व्यवहारिक संबंध स्थापित किया| 1584 ईस्वी में अकबर ने भगवान दास की पुत्री से  जहांगीर का विवाह किया जिससे खुसरो का जन्म हुआ|

 

Mughalo ki Prashasanik Vyavastha मुगलों की धार्मिक नीति


 अकबर ने 1562 ईस्वी में युद्ध बंदियों को दास बनाने की प्रथा को बंद कर दिया | 1563 ईस्वी में अकबर ने हिंदू तीर्थ स्थल मथुरा की यात्रा की और तीर्थ कर  समाप्त कर दिया | 15 से 64 ईसवी में जजिया कर समाप्त कर दिया| 1565 में पूर्व  बलपूर्वक धर्म परिवर्तन   पर रोक लगा दी | 1575 ईसवी में अकबर ने फतेहपुर सिकरी में खाना की स्थापना की इसका उद्देश्य धार्मिक वाद-विवाद द्वारा सभी धर्मों के सार को जानना थाजैन विद्वान हर विजय सूरी एवं जिन सेंचुरी भी भाग लिया |

 जून 1579 ईस्वी में दीन इलाही नामक  धर्म का  प्रवर्तन किया  दीन इलाही में शिक्षा के लिए इतवार का दिन नियत कियाइस धर्म को स्वीकार करने वाला एकमात्र हिंदू बीरबल था |

Mughalo ki Prashasanik Vyavastha

 मुगलो की प्रशसानिक व्यवास्था

 अकबर के दरबार में नवरत्न थे जिसमें अधिकांश हिंदू थे नवरत्न बीरबल तो डर बना देते टोडरमल को जब्ती प्रणाली का जनक माना जाता है | भगवान दास तानसेन पर जीवित है | जी अबुल फजल का बड़ा भाई था शाहजहां के काल में तीर्थ यात्रा कर को पुनः लगाने की आज्ञा दी गई | औरंगजेब ने इस्लाम धर्म के नियमों के पालन करने के उद्देश्य से दीवाने मुलाजिम नामक विभाग बनाया जिसका प्रमुख अधिकारी   

 औरंगजेब ने जो प्रदर्शन दरबार में नृत्य संगीत ठेका प्रथा नवरोज त्योहार पर प्रतिबंध लगा दिया | 1669 ईस्वी में मोहर्रम का त्यौहार मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया |1679 में जजिया पुणे लगा दिया मुगल काल में धर्म की भाषा अरबी फारसी दरबार की सरकारी भाषा थी|


 शिक्षा Mughalo ki Prashasanik Vyavastha 


 बाबर ने शिक्षा के विकास के लिए सूरत एवं नामक विभाग की स्थापना की जिसका कार्य स्कूल एवं कॉलेज का निर्माण करना था | उन्होंने पुराने किले के शेर मंडल नाम के हाल में अपना बनवाया अकबर ने अनुवाद विभाग की स्थापना की |

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