Bharat ki jalvayu-भारत की जलवायु-Gk in hindi Geography

Bharat ki jalvayu-भारत की जलवायु-Gk in hindi Geography

भारत का दक्षिणी   भाग उष्ण कटिबंध में आता है जो सदैव गर्म रहता है भारतीय जलवायु  मुख्यतः भागों में प्रवाहित होती है

  1. प्रथम उत्तर में हिमालय पर्वत की उपस्थिति
  2. और द्वितीय दक्षिण में हिंद महासागर की उपस्थिति 
  3. और भूमध्य रेखा से समीप 


हिमालय पर्वत के कारण  मध्य एशिया से आने वाली ठंडी हवाएं भारत में प्रवेश नहीं कर पाती है| भारत की जलवायु में समानता पाई जाती है ऐसा इसलिए कि भारत भूमध्य रेखा के समीप है तथा हिंद महासागर बंगाल की खाड़ी और अरब सागर भी निकट है|

Bharat ki jalvayu-भारत की जलवायु-Gk in hindi Geography

 

मानसून शब्द की उत्पत्ति भाषा  मौसिम  से हुई हैराजस्थान में ग्रीष्मकालीन उच्चतम तापमान लगभग 49 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है| जब देश के शेष भागों का तापमान औसत 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तक रहता है संपूर्ण देश में दक्षिणी पश्चिमी हवाएं प्रभावित होती है तब  वर्षा ऋतु होती है| दक्षिणी पश्चिमी मानसून पवनों का प्रवेश  जब स्थलीय भागों में होता है| तो प्रचंड गर्जना एवं तीव्रता के साथ   बर्षा होते हैं इस प्रकार की वर्षा को मानसून का टूटना 
  कहते हैं|

इसकी गति 30 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक होती है| अरब सागर की मानसून हवाएं पश्चिमी घाट से टकराकर पश्चिमी घाट  पर भारी वर्षा करती है परंतु दक्षिणी पठार एवं पूर्वी तट के प्रवेश में पहुंचकर कम वर्षा होती है| उत्तरी भारत में मानसून का आगमन 30 जून के लगभग होता है| भारत की 80 परसेंट से अधिक वर्षा होती है|

Gk in hindi Geography भारत की जलवायु

 भारत में शरद ऋतु  का समय 16 सितंबर से 15 दिसंबर तक होता है  जो कि मानसून  पवनों का प्रत्यावर्तन का  भी काल है| भारत के  विशाल मैदान में औसतन 100 सेंटीमीटर से 200 सेंटीमीटर वर्षा होती है| सबसे कम वर्षा का क्षेत्र पश्चिम में कक्ष से लेकर पंजाब-हरियाणा तक है| भारत की वृष्टि छाया प्रदेश का  भाग कर्नाटक महाराष्ट्र तथा दक्षिणी सौराष्ट्र का भाग आता है| नॉर्वेस्टर हवाओं की उत्पत्ति छोटा नागपुर पठार पर होती है गुवाहाटी को भ्रष्ट छाया नगर कहते हैं|

 भारत के मानसून का एशिया के अन्य भागों के मानसून से कोई संबंध नहीं रहता है | क्योंकि भारत की मानसूनी हवाएंमाह  सागर  से  स्थल की ओर तथा 6 माह स्थल से सागर की ओर चलती है| भारत में सूर्य के परिवर्तन चक्र के कारण तीन प्रकार की   ऋतु पाई जाती है|

  1.  नवंबर से फरवरी तक जाड़ा
  2.  मार्च से जून तक ग्रीष्म ऋतु
  3.  जुलाई से अक्टूबर तक वर्षा ऋतु

 तापमान में तथा वायदा में विपरीत संबंध पाया जाता है| अतः ग्रीष्म काल में उत्तरी भाग में उच्च वायुदाब तथा दक्षिणी भाग में निम्न वायुदाब स्थापित हो जाता है| इस काल में  वार्षिक वर्षा देश के कुल वर्षा का औसत 2% होता है| पूर्वी भारत में ग्रीष्म काल में तेज हवाओं के साथ हल्की वर्षा होती है| इन हवाओं को असम तथा पश्चिम बंगाल में काल बैसाखी कहते हैं जो के विनाशकारी हवाएं होती हैं|
 
 


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